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वाराणसी में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के विवादित बयान पर चुनाव आयोग ने जारी किया नोटिस, 7 दिन में मांगा स्पष्टीकरण, जवाब नहीं मिला तो दर्ज होगी FIR

वाराणसी में PDM की जनसभा में भड़काऊ भाषण के आरोप पर चुनाव आयोग ने वाराणसी में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी को नोटिस दिया है। 7 दिन में जवाब मांगा है। नहीं दिया तो सुसंगत धाराओं में FIR दर्ज होगा।

आयोग ने अपना दल कमेरावादी के जिलाध्यक्ष दिलीप सिंह पटेल को ये नोटिस दी है। क्योंकि, इस कार्यक्रम की अनुमति इन्हीं की ओर से ली गई थी।​​​​​​ ये शिकायत 27 अप्रैल को बीजेपी की ओर से चुनाव आयोग को दी गई थी।

25 अप्रैल को बुनकरों के बीच ओवैसी ने दिया था भाषण

25 अप्रैल को वाराणसी के नाटी इमली स्थित बुनकर कॉलोनी में असदुद्दीन ओवैसी ने करीब 45 मिनट तक भाषण दिया था। वो पिछड़ा, दलित और मुसलमान यानी कि PDF की जनसभा में बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर भी जोरदार हमले किए थे। 

उन्होंने मोदी को मुस्लिमों के लिए खतरनाक और अखिलेश से दरी बिछवाने की बात कही थी। इस दौरान ओवैसी को सुनने और देखने के लिए 10 हजार से ज्यादा मुस्लिम बुनकर कॉलोनी के मैदान में उमड़े थे।

बीजेपी ने लगाया- मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण का आरोप

बीजेपी ने इस भाषण को भड़काऊ बताते हुए चुनाव आयोग से शिकायत कर दी। आरोप लगाया गया कि ओवैसी ने बनारस में समाज को तोड़ने का काम किया है। बीजेपी के ऊपर गलत आरोप लगाकर धर्म और संप्रदाय के आधार पर मुसलमानों के वोटों का ध्रुवीकरण किया गया। साथ ही धर्म को आधार बनाकर काशी के समाज को तोड़ने का प्रयास किया गया। ये आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। ओवैसी के ऊपर मुकदमा दर्ज कर एक्शन लिया जाए।

6 मई को सुबह 11 बजे तक जवाब पहुंच जाए दफ्तर

चुनाव आयोग की ओर से वाराणसी के रिटर्निंग ऑफिसर ने नोटिस के जरिए चेतावनी भी दी है। कहा है कि इन आरोपों पर अपना जवाब 7 दिन में दाखिल करें। खुद या अपने वकील को 6 मई को सुबह 11 बजे तक आयोग के कार्यालय में उपस्थित हो जाएं। अपना पक्ष रखें। 

यदि आपने अपना कोई पक्ष नहीं रखा तो जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 और IPC की धारा के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा।